तोता, चिड़िया, खरगोश और चील की कहानी
परिचय
एक हरे-भरे जंगल में कई तरह के जानवर और पक्षी रहते थे। वहां तोता, चिड़िया, खरगोश और चील भी रहते थे। तोता हमेशा पेड़ों पर उड़ता और मीठी आवाज़ में बोलता रहता था। चिड़िया बहुत फुर्तीली थी और हमेशा छोटी-छोटी शाखाओं पर उड़ान भरती रहती थी। खरगोश ज़मीन पर दौड़ता-फिरता और हर समय नई जगहों की तलाश में रहता। चील ऊँचे आसमान में उड़ती और नीचे सबकुछ ध्यान से देखती थी। हालांकि ये सभी एक ही जंगल में रहते थे, लेकिन इनका एक-दूसरे से ज्यादा मेलजोल नहीं था।
मुलाकात की शुरुआत
एक दिन सुबह-सुबह जंगल में हलचल मच गई। चील ने आसमान से देखा कि जंगल में अचानक पानी की कमी हो गई है, और हर तरफ प्यासे जानवर इधर-उधर भटक रहे थे। उसने सोचा, "मुझे इस समस्या का हल निकालना होगा।"
वहीं दूसरी तरफ, तोता और चिड़िया ने भी महसूस किया कि जंगल में पानी कम हो गया है और अब छोटे-छोटे तालाब सूख रहे हैं। खरगोश, जो हमेशा दौड़ता-फिरता रहता था, उसे भी अब अपनी प्यास बुझाने के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा था।
समस्या का हल खोजने का फैसला
एक दिन तोता और चिड़िया पेड़ पर बैठे हुए इस समस्या पर चर्चा कर रहे थे। तोता बोला, "हमें कुछ करना चाहिए, नहीं तो जल्द ही हमें और जंगल के बाकी जानवरों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।"
चिड़िया ने सहमति में सिर हिलाते हुए कहा, "हम सबको मिलकर इस समस्या का हल निकालना होगा।"
उसी वक्त, खरगोश वहां से दौड़ता हुआ गुजरा और उसने उनकी बात सुनी। उसने कहा, "मैं ज़मीन के पास दौड़ता रहता हूं, मैंने कई जगह सूखे तालाब देखे हैं। हमें कोई नई जगह ढूंढनी चाहिए, जहां पानी हो।"
अचानक, चील ऊँचाई से नीचे उतरकर आई और बोली, "मैं आसमान से देख सकती हूँ कि जंगल के किस हिस्से में पानी हो सकता है। अगर हम सब मिलकर काम करें, तो जरूर पानी का कोई स्रोत ढूंढ सकते हैं।"
टीम वर्क की ताकत
चारों ने मिलकर योजना बनाई। चील ने अपने तेज नजरों से पूरे जंगल का मुआयना किया और देखा कि जंगल के एक कोने में एक गहरा गड्ढा था, जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा हो सकता था। लेकिन वह गड्ढा मिट्टी और पत्थरों से भर गया था, जिससे पानी वहाँ ठहर नहीं पा रहा था।
चील ने कहा, "अगर हम इस गड्ढे को साफ कर दें, तो बारिश का पानी यहाँ इकट्ठा हो सकता है, और हमारे जंगल की पानी की समस्या खत्म हो सकती है।"
तोता और चिड़िया ने कहा, "हम अपने तेज पंजों से इस गड्ढे के ऊपर के पत्ते और हल्की मिट्टी हटा सकते हैं।"
खरगोश ने कहा, "मैं ज़मीन पर दौड़कर छोटे-छोटे पत्थर और गंदगी साफ करूंगा।"
मिलजुल कर काम
अगले दिन सभी ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया। तोता और चिड़िया अपनी तेज़ चोंचों से पत्तों और मिट्टी को हटाने लगे। चील अपने मजबूत पंजों से बड़े पत्थरों को हटाने में मदद करने लगी। खरगोश अपने नुकीले पंजों से गड्ढे के आसपास की मिट्टी साफ कर रहा था।
कई घंटों की मेहनत के बाद, आखिरकार गड्ढा साफ हो गया। अब बस उन्हें बारिश का इंतजार था।
विजय और खुशी
कुछ ही दिनों बाद भारी बारिश हुई। गड्ढे में पानी इकट्ठा होने लगा और धीरे-धीरे वह एक छोटा तालाब बन गया। अब जंगल के सभी जानवर वहाँ आकर अपनी प्यास बुझाने लगे। तोता, चिड़िया, खरगोश और चील ने देखा कि उनकी मेहनत रंग लाई है।
सभी जानवर उनके इस काम की तारीफ करने लगे और जंगल में फिर से शांति और खुशी का माहौल लौट आया। चारों ने समझा कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो किसी भी मुश्किल का सामना आसानी से कर सकते हैं।
सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम एकजुट होकर काम करें और अपनी-अपनी ताकत का सही उपयोग करें, तो किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। तोता, चिड़िया, खरगोश और चील की यह कहानी हमें टीम वर्क और एकता की ताकत सिखाती है।
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