नदी किनारे तोता, चिड़िया, खरगोश और चील की कहानी
परिचय
एक घने जंगल के बीच से एक शांत और निर्मल नदी बहती थी। इस नदी के किनारे पेड़ों और झाड़ियों की भरमार थी, जहाँ कई जानवर और पक्षी रहते थे। इस जंगल में तोता, चिड़िया, खरगोश और चील का अपना एक खास स्थान था। नदी उनके जीवन का मुख्य हिस्सा थी, क्योंकि सभी जानवर और पक्षी अपनी प्यास बुझाने के लिए इसी नदी पर निर्भर थे।
तोता हमेशा पेड़ों की ऊँची शाखाओं पर बैठकर अपनी मधुर आवाज़ में बोलता रहता। चिड़िया नदी के किनारे छोटे-छोटे कीड़ों को ढूंढती और अपनी चहचहाहट से जंगल को गुंजायमान करती। खरगोश ज़मीन पर तेज़ दौड़ता और हरी घास के बीच अपनी जगह बनाता। वहीं, चील आसमान में ऊँची उड़ान भरकर नीचे सबकुछ देखती रहती।
नदी का सूखना
गर्मियों के मौसम में जंगल में पानी की कमी होने लगी। नदी, जो पहले बहुत चमचमाती थी, अब धीरे-धीरे सूखने लगी। सभी जानवर और पक्षी परेशान हो गए। प्यास के मारे जानवरों की हालत खराब हो रही थी। चिड़िया ने देखा कि छोटे तालाब सूख चुके हैं, और अब प्यास बुझाने के लिए नदी का पानी भी कम होता जा रहा है।
एक दिन तोता, चिड़िया, खरगोश और चील नदी के किनारे इकट्ठा हुए। तोता बोला, "अगर पानी यूँ ही सूखता रहा, तो हम सब प्यासे मर जाएंगे। हमें कुछ करना होगा।"
चील, जो आसमान से नीचे की हर चीज़ देख सकती थी, ने कहा, "मैंने देखा है कि नदी के किनारे मिट्टी और पत्थर इकट्ठे हो गए हैं, जिसकी वजह से पानी का बहाव रुक रहा है। अगर हम इन्हें हटा दें, तो शायद पानी फिर से भर सके।"
मिलकर काम करने का फैसला
चारों दोस्तों ने तय किया कि वे मिलकर नदी को साफ करेंगे। चील ने कहा, "मैं आसमान से देखूंगी और यह बताऊंगी कि किन-किन जगहों पर मिट्टी और पत्थर अटके हैं।"
तोता और चिड़िया बोले, "हम पेड़ों से छोटी-छोटी शाखाएँ हटाकर पानी के रास्ते को साफ करेंगे।"
खरगोश बोला, "मैं जमीन पर दौड़कर उन पत्थरों को हटाऊंगा, जो पानी के बहाव को रोक रहे हैं।"
सफाई की शुरुआत
अगले ही दिन सभी अपने-अपने काम पर लग गए। चील ने ऊँचाई से देखा और पानी के रास्ते में अटकी हुई जगहों की पहचान की। तोता और चिड़िया ने अपने नुकीले पंजों और चोंचों से पेड़ों की शाखाएँ हटानी शुरू कर दीं, जो पानी के रास्ते में गिर गई थीं। खरगोश ने अपने तेज़ पंजों से मिट्टी और पत्थरों को खींचकर बाहर करना शुरू किया।
यह काम आसान नहीं था, लेकिन सबने मिलकर कड़ी मेहनत की। कई घंटे की मेहनत के बाद, पानी का बहाव धीरे-धीरे तेज़ होने लगा। साफ सफाई के बाद, नदी का पानी वापस अपने पुराने रास्ते पर बहने लगा।
बारिश और नई उम्मीद
कुछ ही दिनों बाद, बारिश शुरू हो गई। नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा और पानी पूरे जंगल में फैल गया। जानवर और पक्षी खुश हो गए, क्योंकि अब उन्हें प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा था।
तोता, चिड़िया, खरगोश और चील की मेहनत ने जंगल को फिर से जीवन दिया। सभी जानवरों ने उनकी तारीफ की और उनके काम को सराहा। अब जंगल में पानी की कोई कमी नहीं थी और सबने राहत की साँस ली।
सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम मिलकर काम करते हैं और अपने अलग-अलग हुनर का सही इस्तेमाल करते हैं, तो किसी भी मुश्किल का सामना आसानी से कर सकते हैं। तोता, चिड़िया, खरगोश और चील ने एकता और सहयोग से जंगल की सबसे बड़ी समस्या का हल निकाला। यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर हम सब साथ मिलकर काम करें, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।
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