कहानी: "चाँद और तारों की दोस्ती"
बहुत समय पहले की बात है। आकाश में चाँद अकेला रहता था। वह हर रात चमकता, आसमान को रौशन करता, लेकिन दिल ही दिल में बहुत उदास था। उसके पास बातें करने वाला कोई नहीं था।
चाँद चौंका, “तुम लोग मुझसे बात कर सकते हो?”
सब तारे एक साथ बोले, “हाँ! हम हर रात तुम्हारे साथ रहते हैं, पर तुम ही चुप रहते हो।”
उस दिन से चाँद और तारे रोज़ बातें करने लगे। चाँद उन्हें अपने दुख सुनाता – कभी उसे अकेलापन लगता, कभी वह सोचता कि धरती पर लोग उसे देख तो लेते हैं, पर कोई उसके पास नहीं आ सकता।
तारे चाँद को हँसाते, उसकी बातों पर ताली बजाते, और कभी-कभी मिलकर आकाश में खेल भी खेलते – जैसे “छुपन-छुपाई” और “तेज चमक कौन”।
धीरे-धीरे चाँद की उदासी दूर हो गई। अब वह हर रात चमकता है, मगर अकेले नहीं – उसके साथ होते हैं सैकड़ों तारें, उसकी सबसे प्यारी दोस्तें।
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