कहानी: "जंगल का राजा और उसकी समझदारी"

बहुत समय पहले की बात है, एक हरे-भरे घने जंगल में शेर 'राजा वीर' राज करता था। वह न केवल ताकतवर था बल्कि बहुत ही समझदार और न्यायप्रिय भी था। जंगल के सभी जानवर उसका बहुत सम्मान करते थे।

🦁 राजा वीर का जंगल

राजा वीर हर हफ्ते जंगल में एक सभा बुलाता था जिसमें सभी जानवर अपनी समस्याएं और सुझाव लेकर आते थे। सभा में हाथी, लोमड़ी, हिरण, बंदर, खरगोश, और उल्लू – सभी शामिल होते।

एक दिन जंगल में हड़कंप मच गया। एक नया और ताकतवर जानवर, भालू 'भूरा', दूसरे जंगल से आकर वहाँ रहने लगा। भूरा बहुत गुस्सैल था। वह जहाँ जाता, वहाँ डर का माहौल बन जाता। उसने कई जानवरों को डरा दिया और उनके फल, खाना और पानी छीन लिया।

🐘 सभा में शिकायत

अगली सभा में हिरण काँपते हुए बोला,
"महाराज, भूरा भालू हमें डराता है, खाना छीनता है और बच्चों को डराकर भगाता है।"

राजा वीर ने भालू को सभा में बुलाया और शांति से पूछा,
"भालू, तुम हमारे जंगल में नए हो। पर क्या तुम दूसरों को डराकर रहना पसंद करते हो?"

भालू ने गुस्से में कहा,
"मैं ताकतवर हूँ। जहाँ ताकत होती है, वहीं राज होता है!"

तभी चतुर लोमड़ी बोली,
"सिर्फ ताकत से कोई राजा नहीं बनता। राजा वह होता है जो सबका ध्यान रखे, न कि डर फैलाए।"

राजा वीर मुस्कुराया और बोला,
"ताकत जरूरी है, लेकिन समझदारी और प्रेम उससे भी ज़्यादा जरूरी हैं। अगर तुम हमारे साथ रहना चाहते हो, तो हमें मिलजुलकर रहना होगा।"

🐻 बदलाव की शुरुआत

भालू को बात समझ आई। वह चुप रहा, फिर धीरे से बोला,
"मैंने कभी सोचा ही नहीं कि डर के बिना भी जीवन अच्छा हो सकता है। मैं माफ़ी चाहता हूँ।"

इसके बाद भालू ने धीरे-धीरे सभी जानवरों से दोस्ती करना शुरू किया। अब वह बच्चों को कहानियाँ सुनाता, फलों के पेड़ लगाता और सबसे प्रेम से पेश आता।

🌳 सीख:

एक सच्चा राजा वही होता है जो ताकत के साथ-साथ न्याय और प्रेम से शासन करे। जंगल का राजा शेर वीर हमें सिखाता है कि दूसरों की सुनना, समझदारी से काम लेना और सबको साथ लेकर चलना ही सबसे बड़ी ताकत होती है।