जंगल की प्यारी दोस्ती: पूजा चिड़िया, मोनिका चिड़िया, और चूहे की कहानी

 जंगल की प्यारी दोस्तीपूजा चिड़ियामोनिका चिड़ियाऔर चूहे की कहानी

परिचय



घने जंगल में अनगिनत जीव-जंतु रहते थेलेकिन इस जंगल में तीन खास दोस्त थे –पूजा चिड़ियामोनिका चिड़ियाऔर एक छोटा सा चूहा "चिंपू" ये तीनों अलग-अलग स्वभाव के थेपर उनकी दोस्ती बहुत गहरी थी। जंगल के हर कोने में उनकी हंसी-खुशी और मस्ती की चर्चाएं होती थीं।

पूजा चिड़िया

पूजा चिड़िया अपनी तेज़ उड़ान और समझदारी के लिए जानी जाती थी। वह हमेशा अपने दोस्तों की मदद के लिए तैयार रहती थी। पूजा को ऊँचे पेड़ों की शाखाओं पर बैठना और दूर-दूर तक उड़ान भरना बहुत पसंद था। वह अपने हरे-भरे पंखों से पूरे जंगल को चमकदार बना देती थी।

मोनिका चिड़िया

मोनिका चिड़िया थोड़ी शर्मीली और शांत स्वभाव की थीलेकिन उसकी गाने की आवाज़ इतनी मधुर थी कि जंगल के सभी जानवर उसकी आवाज़ को सुनने के लिए रुक जाते थे।मोनिका और पूजा की दोस्ती बहुत गहरी थीऔर वे एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ती थीं। मोनिका अक्सर पूजा को अपने गीतों से खुश करतीऔर पूजा उसे नई-नई जगहों पर उड़ने के लिए प्रेरित करती।

चिंपू चूहा

चिंपूजो एक छोटा और फुर्तीला चूहा थाइन दोनों का सबसे करीबी दोस्त था।चिंपू बहुत तेज़ दौड़ता था और अपनी छोटी-छोटी सुरंगों से जंगल के हर कोने तक पहुँच जाता था।वह अपनी चतुराई और मजाकिया स्वभाव के लिए मशहूर था। हर बार जब कोई मुश्किल आतीतो चिंपू अपनी बुद्धिमत्ता से उसका हल निकाल देता था।

एक नई चुनौती

एक दिनजंगल में अचानक एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई। जंगल के बीचो-बीच एक विशाल पेड़ गिर गयाऔर उसकी वजह से चूहे की सारी सुरंगें बंद हो गईं।अब चिंपू का घर मिट्टी और पत्थरों से ढक गया थाऔर वह बहुत परेशान था कि अब वह कहाँ रहेगा।पूजा और मोनिका ने तुरंत उसकी परेशानी समझी और उसे सांत्वना देने के लिए उसके पास पहुँचीं। वे दोनों जानती थीं कि चिंपू बिना घर के रह नहीं सकताक्योंकि उसकी सारी खाने की चीज़ें भी उसी सुरंग में थीं।

मिलकर मदद करना

पूजा ने अपनी तेज़ उड़ान का इस्तेमाल किया और पूरे जंगल का निरीक्षण किया कि कहाँ पर कोई नई जगह मिल सकती है जहाँ चिंपू अपना नया घर बना सके।उसने देखा कि एक ऊँचा पेड़ थाजिसके नीचे मिट्टी नरम थी और वहाँ आसानी से सुरंग बनाई जा सकती थी।पूजा ने यह जगह चिंपू को बताई।मोनिका ने अपनी मीठी आवाज़ में गाना गाकर चिंपू का मनोबल बढ़ायाताकि वह हिम्मत  हारे और अपने नए घरको बनाने की तैयारी करे। चिंपू ने भी अपनी फुर्ती और मेहनत से नई जगह पर सुरंग बनानी शुरू कर दी।

साझेदारी की ताकत

पूजा और मोनिका ने भी चिंपू की मदद की। पूजा अपने चोंच से मिट्टी निकालतीजबकि मोनिका आस-पास उड़कर देखती कि कहीं कोई और परेशानी तो नहीं  रही। कुछ ही दिनों मेंचिंपू का नया घर तैयार हो गया। यह घर पहले से भी बड़ा और सुरक्षित था। चिंपू बहुत खुश हुआ और उसने अपने दोस्तों का धन्यवाद किया।

दोस्ती का जश्न

अब जब चिंपू का घर बन गया थातीनों दोस्तों ने मिलकर एक छोटा-सा जश्न मनाने का फैसला किया। मोनिका ने अपनी मधुर आवाज़ में गाना गायापूजा ने अपनी उड़ान से कलाबाजियाँ दिखाईंऔर चिंपू ने अपनी सुरंगों में छुपा हुआ स्वादिष्ट खाना सबके साथ बाँटा। पूरे जंगल में उनकी दोस्ती और मेहनत की चर्चा हो रही थी।सभी जानवरों ने उनकी तारीफ कीक्योंकि उन्होंने दिखाया था कि सच्ची दोस्ती का मतलब एक-दूसरे की मदद करना और मुश्किल वक्त में साथ खड़ा रहना होता है।

सीख

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दोस्ती में एकता और सहयोग सबसे ज़रूरी होते हैं।चाहे परेशानी कितनी भी बड़ी क्यों  होअगर हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम करेंतो हर मुश्किल आसान हो जाती है, पूजामोनिकाऔर चिंपू ने यह साबित कर दिया कि सच्ची दोस्ती में  कोई छोटा होता है और  कोई बड़ा – बस साथ होना और एक-दूसरे का साथ देना मायने रखता है।



निष्कर्ष

जंगल की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची दोस्ती में  कोई भौतिक ताकत होती है ही कोई सीमा।चाहे आप उड़ने वाले पक्षी होंया जमीन के नीचे रहने वाले चूहेदोस्ती का बंधन हर परिस्थिति में मजबूत रहता है।पूजामोनिकाऔर चिंपू की यह कहानी हमेशा याद दिलाती है कि मिल-जुलकर हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।

 

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