चूहा, चुहिया,
मेंढक
और
साँप
की
अनोखी
कहानी
परिचय
एक
बार की
बात है,
एक हरे-भरे जंगल
के किनारे
एक छोटा
सा गाँव
था, जहाँ
हर प्राणी
खुशी से
रहता था।
इस गाँव
में चार
खास प्राणी
थे - चूहा
"चीकू",
उसकी पत्नी
चुहिया "चिंकी",
मेंढक "मोंटी",
और साँप
"कालिया"। ये
चारों एक-दूसरे से
बहुत अलग
थे, लेकिन
उनकी कहानी
में एक
अनोखा मोड़
आया, जिसने
उन्हें हमेशा
के लिए
बदल दिया।
चीकू और
चिंकी
की
खुशहाल
जिंदगी
चीकू
और चिंकी
एक छोटे
से बिल
में रहते
थे। वे
दिन भर
मिलकर भोजन
इकट्ठा करते
और रात
में आराम
से सोते
थे। दोनों
का जीवन
खुशहाल था,
क्योंकि वे
एक-दूसरे
का ख्याल
रखते थे
और मिलकर
हर काम
करते थे।
चीकू बहुत
होशियार था
और हमेशा
अपने घर
को सुरक्षित
रखने के
तरीके ढूंढता
रहता था,
जबकि चिंकी
उसकी मदद
करती थी
और घर
को साफ-सुथरा रखती
थी।
मोंटी मेंढक
की
समस्या
मोंटी मेंढक तालाब के पास रहता था और पूरे दिन उछल-कूद करता रहता था। वह बहुत मस्तीखोर था, लेकिन हाल ही में उसकी एक समस्या थी - तालाब का पानी कम हो रहा था। उसे डर था कि अगर पानी खत्म हो गया, तो उसका घर भी खत्म हो जाएगा। उसने इस बारे में चीकू से बात की, क्योंकि उसे पता था कि चीकू बहुत समझदार है और उसे कुछ न कुछ उपाय जरूर सुझाएगा।
कालिया साँप
का
डर
वहीं
दूसरी ओर,
कालिया साँप
जंगल का
सबसे खतरनाक
प्राणी था।
वह हमेशा
दूसरों को
डराता और
मौका मिलने
पर उन्हें
अपना शिकार
बनाता था।
चीकू, चिंकी
और मोंटी
तीनों ही
कालिया से
डरते थे,
क्योंकि कालिया
उन्हें किसी
भी समय
नुकसान पहुँचा
सकता था।
कालिया अक्सर
तालाब के
किनारे मोंटी
को पकड़ने
की फिराक
में रहता
था, और
चीकू-चिंकी
भी अपने
बिल में
छिपकर उसकी
हलचल को
देखते रहते
थे।
समस्या और
योजना
एक
दिन, मोंटी
ने चीकू
से कहा,
"चीकू
भाई, अगर
तालाब का
पानी ऐसे
ही कम
होता रहा,
तो मैं
कहीं और
नहीं जा
पाऊँगा, और
कालिया मुझे
खा जाएगा।
हमें कुछ
करना होगा।"
चीकू ने
गहरी सोच
में पड़कर
कहा, "हमें
कालिया से
बचने का
रास्ता निकालना
होगा, और
तालाब को
भी बचाना
होगा।"
चीकू
ने एक
योजना बनाई।
उसने सोचा
कि अगर
वे चारों
मिलकर काम
करें, तो
वे न केवल तालाब
को बचा
सकते हैं
बल्कि कालिया
साँप से
भी छुटकारा
पा सकते
हैं।
योजना का
अमल
चीकू
और चिंकी
ने अपने
नुकीले दाँतों
से तालाब
के किनारे
छोटी-छोटी
नालियाँ खोदनी
शुरू कीं,
ताकि दूर
से आने
वाला बारिश
का पानी
तालाब में
जा सके।
मोंटी ने
अपने लंबे
पैरों से
मिट्टी को
हटाने में
मदद की,
और कुछ
ही समय
में तालाब
में फिर
से पानी
भरने लगा।
अब मोंटी
को डर
नहीं था
कि उसका
घर सूख
जाएगा।
लेकिन
असली चुनौती
अभी बाकी
थी – कालिया
साँप। चीकू
ने सोचा,
"हमें
कालिया को
उसके ही
जाल में
फंसाना होगा।"
उसने मोंटी
और चिंकी
को एक
योजना बताई।
मोंटी को
तालाब के
बीच में
जाना था
और वहाँ
शांति से
बैठना था,
जैसे उसे
कुछ नहीं
पता हो।
जैसे ही
कालिया मोंटी
को पकड़ने
के लिए
आएगा, चीकू
और चिंकी
एक जाल
तैयार करेंगे।
कालिया की
हार
जैसा
कि चीकू
ने सोचा
था, वैसा
ही हुआ।
मोंटी तालाब
के बीच
बैठ गया,
और थोड़ी
ही देर
में कालिया
साँप तालाब
के पास
आ गया।
वह सोच
रहा था
कि आज
मोंटी उसका
शिकार बनेगा।
जैसे ही
कालिया पानी
में घुसा,
चीकू और
चिंकी ने
जल्दी से
तालाब के
पास एक
बड़ा पत्थर
लुढ़काया, जिससे
कालिया फँस
गया। उसकी
पूँछ पत्थर
के नीचे
दब गई,
और वह
बाहर नहीं
आ पाया।
मोंटी
ने उछलते
हुए तालाब
से बाहर
छलांग लगाई
और खुशी
से चीकू
और चिंकी
के पास
गया। "तुम्हारी
योजना ने
हमें कालिया
से बचा
लिया!" मोंटी
ने चहकते
हुए कहा।
सुखद अंत
कालिया
साँप ने
समझ लिया
कि अब
वह इन
चतुर जीवों
से नहीं
जीत सकता,
इसलिए उसने
जंगल छोड़ने
का फैसला
किया। चीकू,
चिंकी, और
मोंटी ने
खुशी से
अपने जीवन
को आगे
बढ़ाया। तालाब
में पानी
भर चुका
था, और
अब मोंटी
भी सुरक्षित
था।
इस
कहानी से
हमें यह
सीख मिलती
है कि
एकता और
बुद्धिमानी से
किसी भी
बड़ी से
बड़ी समस्या
का हल
निकाला जा
सकता है,
चाहे वह
कितनी भी
खतरनाक क्यों
न हो।
जब सभी
प्राणी मिलकर
काम करते
हैं, तो
वे किसी
भी मुश्किल
को पार
कर सकते
हैं।
निष्कर्ष
चूहा, चुहिया, मेंढक, और साँप की इस कहानी में दिखाया गया है कि समझदारी, मिलजुलकर काम करने और एकता से किसी भी डर और खतरे का सामना किया जा सकता है। जहाँ डर और खतरा होता है, वहीं दोस्ती और बुद्धिमानी जीत दिलाती है।
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