बहुत समय पहले की बात है। एक घना जंगल था, और उस जंगल के बीचों-बीच बहती थी एक सुंदर, साफ और गहरी नदी। नदी के किनारे कई जानवर रहते थे — हिरण, बंदर, हाथी, खरगोश और पक्षी। लेकिन उसी नदी में रहता था एक चालाक मगरमच्छ।
🌊 मगरमच्छ की चालाकी
खरगोश को दया आ गई और उसने बाकी जानवरों से कहा कि मगरमच्छ अब अच्छा हो गया है।
🐘 जानवरों की मित्रता
धीरे-धीरे मगरमच्छ की दोस्ती जंगल के कई जानवरों से हो गई। वे नदी किनारे आकर उसके साथ बातें करते, फल खिलाते और कभी-कभी नहाते भी। मगरमच्छ को लगा उसकी चाल सफल हो रही है।
🕵️♂️ चतुर बंदर की समझदारी
जब सभी जानवरों को शक हुआ, तो उन्होंने एक योजना बनाई। हाथी ने नदी किनारे गड्ढा खुदवाया और मगरमच्छ को बाहर बुलाया। जैसे ही मगरमच्छ ज़मीन पर आया, वह उस गड्ढे में गिर गया और बाहर नहीं निकल पाया।
🌟 सीख / नैतिक शिक्षा:
"धोखा देकर कभी सच्ची दोस्ती नहीं पाई जा सकती। चालाकी हमेशा पकड़ी जाती है।"
उस दिन के बाद से जंगल के सभी जानवरों ने एक-दूसरे पर भरोसा करना और मिल-जुलकर रहना सीख लिया। मगरमच्छ को भी अपनी गलती का पछतावा हुआ।
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