हाथी और चिड़िया की अनोखी दोस्ती
एक
घना जंगल
था जहाँ
अनेक प्रकार
के जानवर
और पक्षी
रहते थे।
इस जंगल
में एक
विशाल हाथी
"मोटू"
और एक
नन्ही चिड़िया
"चिंकी"
रहती थी।
मोटू बहुत
बड़ा और
शक्तिशाली था,
जबकि चिंकी
छोटी और
नाज़ुक थी।
उनके बीच
आकार और
ताकत में
बहुत अंतर
था, लेकिन
फिर भी
वे दोनों
बहुत अच्छे
दोस्त थे।
दोस्ती की
शुरुआत
एक
दिन, जब
मोटू जंगल
में घूम
रहा था,
उसने देखा
कि एक
नन्ही चिड़िया
घोंसले से
नीचे गिर
गई है
और वापस
ऊपर उड़
नहीं पा
रही है।
वह बहुत
परेशान थी,
क्योंकि उसका
घोंसला पेड़
की ऊँची
डाल पर
था और
उसे चढ़ने
का कोई
तरीका नहीं
सूझ रहा
था।
मोटू
ने तुरंत
अपनी लंबी
सूंड से
उसे उठाया
और बड़े
प्यार से
वापस उसके
घोंसले में
रख दिया।
चिंकी बहुत
खुश हुई
और उसने
मोटू को
धन्यवाद दिया।
उसी दिन
से, वे
दोनों गहरे
दोस्त बन
गए।
दोस्तों का
प्यार
और
सहयोग
मोटू
और चिंकी
रोज़ साथ
में जंगल
में घूमते,
खेलते और
एक-दूसरे
की मदद
करते। मोटू
जब भी
किसी बड़े
काम में
फंसता, चिंकी
अपनी बुद्धिमानी
से उसे
रास्ता दिखाती।
वहीं जब
चिंकी को
कोई समस्या
होती, मोटू
अपनी ताकत
से उसका
काम कर
देता।
जंगल
के बाकी
जानवर अक्सर
सोचते कि
इतने बड़े
और छोटे
जानवर के
बीच कैसे
इतनी गहरी
दोस्ती हो
सकती है।
लेकिन मोटू
और चिंकी
के लिए
यह दोस्ती
किसी भी
बाहरी आकार
और ताकत
से परे
थी। उनका
दिल और
भावना एक
थे।
मोटू की
मुश्किल
घड़ी
एक
दिन, जंगल
में भारी
बारिश हुई
और नदी
में बाढ़
आ गई।
मोटू उसी
नदी के
किनारे पर
था और
फिसलकर पानी
में गिर
गया। उसकी
भारी शरीर
की वजह
से वह
तैर नहीं
पा रहा
था और
धीरे-धीरे
नदी के
तेज बहाव
में बहने
लगा। चिंकी
यह देखकर
घबरा गई,
लेकिन उसने
हार नहीं
मानी।
चिंकी की
होशियारी
चिंकी
ने तुरंत
एक योजना
बनाई। वह
तेजी से
उड़ते हुए
जंगल के
बाकी जानवरों
के पास
गई और
उनसे मदद
मांगी। चिंकी
ने सबको
बताया कि
कैसे मोटू
नदी में
फंसा हुआ
है। सभी
जानवर चिंकी
की बात
सुनकर मदद
के लिए
दौड़े। हिरण,
बंदर, भालू
और बाकी
सभी जानवर
मिलकर एक
लंबी बेल
लेकर आए।
चिंकी
ने उस
बेल को
अपने पैरों
से पकड़कर
मोटू की
तरफ फेंका।
मोटू ने
भी अपनी
पूरी ताकत
लगाई और
बेल को
पकड़ लिया।
धीरे-धीरे
सारे जानवरों
ने मिलकर
मोटू को
नदी से
बाहर खींच
लिया।
असली ताकत
दोस्ती
है
मोटू
बाहर निकलते
ही चिंकी
और सभी
जानवरों को
धन्यवाद देने
लगा। उसने
कहा, "आज
मैंने सिखा
कि असली
ताकत सिर्फ
शरीर की
नहीं होती,
बल्कि सच्चे
दोस्तों और
उनके साथ
से मिलती
है।" चिंकी
ने भी
मोटू को
कहा, "दोस्ती
का मतलब
ही एक-दूसरे की
मदद करना
और हमेशा
साथ खड़ा
रहना है।"
मूल्य और
सीख
इस
घटना के
बाद, जंगल
के सभी
जानवरों ने
मोटू और
चिंकी की
दोस्ती की
मिसाल दी।
उन्होंने समझा
कि सच्ची
दोस्ती में
न आकार
मायने रखता
है और
न ही
ताकत। अगर
दिल साफ
हो और
नीयत सच्ची
हो, तो
हर समस्या
का हल
निकल सकता
है।
निष्कर्ष
हाथी
और चिड़िया
की इस
कहानी से
हमें यह
सीख मिलती
है कि
सच्ची दोस्ती
में न कोई छोटा
होता है
और न कोई बड़ा।
दोस्ती का
असली मतलब
एक-दूसरे
की परवाह
करना, एक-दूसरे की
मदद करना
और हर
कठिनाई में
साथ खड़े
रहना है।
चाहे हालात
कैसे भी
हों, सच्चे
दोस्त हर
मुश्किल का
सामना मिलकर
कर सकते
हैं।
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