तोता, चिड़िया, खरगोश और चील की कहानी

एक बार की बात है, एक घना जंगल था जहाँ तरह-तरह के जानवर और पक्षी रहते थे। उसी जंगल में चार अच्छे दोस्त रहते थे — तोता, चिड़िया, खरगोश और चील। सभी का स्वभाव अलग-अलग था, लेकिन वे एक-दूसरे की बहुत इज़्ज़त करते थे।

तोता बहुत बातूनी और होशियार था, हर खबर उसे सबसे पहले मिलती।
चिड़िया छोटी और समझदार थी, वह जल्दी कोई भी हल निकाल सकती थी।
खरगोश बड़ा शांत और मेहनती था, हमेशा दूसरों की मदद करता।
चील ऊँचा उड़ने वाली, दूर-दूर की नज़र रखने वाली और थोड़ी गंभीर थी।

एक दिन जंगल में शेर आ गया। वह बहुत क्रूर था और छोटे जानवरों को परेशान करने लगा। सभी जानवर डर के मारे अपने घरों में छिप गए। तोता, चिड़िया, खरगोश और चील ने तय किया कि वे मिलकर कुछ करेंगे।

तोता ने शेर की आदतों की जानकारी इकट्ठी की।
चिड़िया ने जंगल के बाकी जानवरों को एकजुट किया।
खरगोश ने जंगल में गुप्त रास्तों की योजना बनाई ताकि जानवर बचकर निकल सकें।
चील ने ऊपर से निगरानी रखी और बताया कि शेर कब और कहाँ जा रहा है।

उन चारों की समझदारी और एकता से शेर को जंगल छोड़ना पड़ा। सारे जानवर बहुत खुश हुए और उन्होंने उन चार दोस्तों की खूब तारीफ की।


सीख / नैतिक शिक्षा:

जब सब मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है। एकता में शक्ति है।